अकेला इंसान फिर गाड़ी तेरी चार क्यूँ
घर में है चार फिर रुमस फिर तेरे आठ क्यूँ
पैसों से नई बनते क़ुदरत से हम ख़ास क्यूँ
तेरी पीढ़ी का सोच वो कैसे लेंगे साँस क्यूँ
घर में है चार फिर रुमस फिर तेरे आठ क्यूँ
पैसों से नई बनते क़ुदरत से हम ख़ास क्यूँ
तेरी पीढ़ी का सोच वो कैसे लेंगे साँस क्यूँ
(Gully Boy)
'कोरोना' वायरस,ये शब्द को सुन ने वाले शायद बहुत कम लोग होंगे इस धरती पर, के जिन्होंने इस महामारी का प्रकोप नहीं देखा होगा। इस प्रकोप, महामारी, और तूफान का सबसे बड़ा भोग अगर कोई बना है तो वो गरीब इंसान ही होगा। कभी कभी समझ मैं नहीं आता के इस धरती पर गरीब होना क्या कोई गुनाह या पाप है ? अगर नहीं तो फिर मंदिर , मस्जिद, चर्च में रहने वाला भगवान की जिसने ये दुनिया बनिए है क्या वो ऊपर बैठे बैठे हस रहा होगा या फिर अपनों के देख कर रो रहा होगा ? बचपन से सुनते आ रहे है और अभी भी सुन रहे है की भगवन के घर में देर है पर अंधेर नहीं। यहाँ तो पुलिस की तरह देर तो है ही लेकिन अंधेर तो पहले से है ।
अगर कोई आपत्ति आती है तो सबसे पहले टिकट जो है वो नाम गरीब की नाम की फटेगी। सब बोलेगे, मीडिया वाले, कुछ बेवफ़ूक लोग लेकिन करेगा कोई कुछ नहीं।साला ये गरीब होना भी कितना गरीब होता है !
आज लोकडाउन 2.0 चल रहा है, और देखो आज भी लाइन में एक गरीब खड़ा है ,चाहे फिर वो अस्पताल के बहार हो , बैंक के बहार हो या फिर खाने लिए ही क्यों न हो। अपने कभी देखा है मुकेश अंबानी को लाइन में खड़े होकर राशन लेने गया हो । इनका दर्द समझने वाला शायद ही कोई होगा इस धरती पर। ऊपर तो इसका कोई भगवान या इसी कोई दिव्यशक्ति नहीं जो इसकी सुनने ले । इसका पहले भी न कोई था और न रहेगा ।
लेकिन जिस कदर ये पेडेमिक ने अपनी रह जो पकड़ी है उसमे चाहे गरीब हो या फिर आमिर हो दोनों को इन्साफ मिला है। जो काम हमारी देश की उच्चतम न्यायालय को करने कई साल लगते है आज वो काम इस वायरस ने कुछ दिनों में कर दिया। कोरोना ने न तो आमिर को देखा और नहीं गरीब को! येतो वक़्त ही बताएगा के का महामारी का अंत कोन करेगा ? रावण को तो मार दिया लेकिन आज अगर राम खुद होते और उसके साथ अगर विभीषण भी होता तो भी तो भी इस का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। अगर इसका कोई बाण या शस्त्र है तो वो केवल विज्ञानं है। वही इस मानवजात को उजागर करेगा ।
औध्योगीकरण, टेक्नोलॉजी का अधिकतर उपयोग विज्ञानं की नयी नयी खोज, ग्लोबल वार्मिग सेलिब्रेशन, जीवनप्रलाणी ये सारी बातोंका हमारे सामने उदाहरण है , COVID19.
ये सफर तब शरू हुआ जब चीन के हुबेई प्रान्त में 17 नवेम्बर 2019 को पहला केस देखने को मिला। तब किसीने भी नहीं सोचा होगा की ये महामारी पुरे विश्व को इस इसतरह से तबाह कर देगी। अमेरिका के प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने तो अपने भाषण में इसको चाइनीज वायरस कहा। चाइना ने अमेरिका को दोषी माना ये केह्कर के अमेरिका के 300 मिलेटरी एथलीट्स ये वायरस को वहांन शेहेरमे फैलाया है। हकीकत का किसको पता नहीं सच तो यही है की दोनों देश इसकी जपेट बहुत बुरी तरीके से है। लेकिन चीन ने अपने वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजी का महत्तम फायदा उठाते हुई इस पेंडेमिक को पूरी तरह से हरा दिया।
ये तो समयही बताएगा के यह डिजास्टर कब रुकेगा। लेकिन, ऐसे क्रिटिकल समय में सभी देशोंने साथ मिल कर काम किया वो इंसानियत की एक मिसाल बन गयी। ईश्वर में मानने वाले वर्ग ने आज ये भी मान लिया के अभी के समय का भगवान केवल और केवल डॉक्टर ही है लेकिन वो समय भी दूर नहीं दोस्तों जब कोरोना वायरस को विज्ञानं के द्रारा हारने के बाद धर्म ही इसका शेर्य ले जायेगा।
यह तो समय ही बतायेगा कि ये माहमारी कब जाके कब रुकेगी। लेकिन अगर हम इन सबका विश्लेषण करे तो कही न कही इन्सान ही है इन सब का जिम्मेदार है । "If you save nature then nature will save you."लेकिन यहां तो इंसान खुद का शिकार हो गया।
इन परिस्थिियों को देख कर मुझे काफी फैमस लेखक की याद आ गई जिसका नाम था ,जॉर्ज ऑरवेल।
जॉर्ज ऑरवेल, १९०३ में उसका जन्म भारत में हुआ और उसके पिताजी सिविल सेरवेंट थे। पूरा परिवार १९०७ में वापस इंग्लैंड आया। स्कूल टीचर, बुक शॉप असिस्टेंट, और बहुत सारे मैग्जीन को पब्लिश करने के बाद १७ अगस्त १९४५ को उसकी किताब सामने आई जिसका नाम था, एनिमल फार्म। बहुत लोगों के द्वार क्रिटिसाइज किया गया और कई लोगों ने इसको पसंद किया।
इस किताब में ऑरवेल ने इन्सानों के द्वारा प्राणियों को हो रहे अत्याचार और जुल्मों का वर्णन किया है। कई ऐसी बाते है जो बहोत सालो पहले की गई थी लेकिन आज हमने सही माइनेम उसका अर्थ समझा है l चलिए कुछ वाक्यों आपके सामने रखते हैं जिनका इस महामारी कई ना कई संबंध जरूर है।
(1) All men are enemies.All animals are comrades. जिस प्रकार से ये कॉरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है उसको देखते हुवे हम खुदके दुश्मन बन गए और पशु पंखीआज अपने दोस्त बन गए। इन्सान आज जैल में और पशु पंखी आज़ाद हुई है।
(2) All the habits of Man are evil. रिसर्च , बायोलॉजिकल वेपन का उपयोग करना,लाइफ स्टाइल, खाने के चीजे, सेलिब्ररेशन इंसान ने अपनाई है, उसका ही नतीजा आज उसके सामने है।
(3) FOUR LEGS GOOD, TWO LEGS BAD. समजनेवाले समज गए है ना समजे तो बहाना है
और अंत में समय कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखता हमको समय के साथ चलना ही पड़ता है ।
Inspired From :
Book Animal Farm by George Orwell
(3) FOUR LEGS GOOD, TWO LEGS BAD. समजनेवाले समज गए है ना समजे तो बहाना है
और अंत में समय कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखता हमको समय के साथ चलना ही पड़ता है ।
Inspired From :
Book Animal Farm by George Orwell