कुछ यादो को भूलना काफी मुश्किल है, चाहै वो अच्छी हो या फिर बुरी | बोहोत सारे यादें धुंधली हो जाती है, ओर कई सारी यादो को भुलाना, इन् कर हम उसको भूल जाते है, लेकिन कई ऐसी यादें है जिनको भूलना इंसान के लिये नामुनकिन सा बन जाता है | बहुँत बार 'यादें' फिल्म का गाना है गुनगुनाया करता हू, ''बातें भूल जातें है, यादें याद आती है |
अपने जीवन का प्रसंग हना चाहता हूं,रविवार थातो मैं स्कूल गया था थोड़ी देर बच्चों के साथ बास्केटबॉल का मजा लेने के बाद मैंने सोचा कि चलो कुछ काम तो है नहीं तो एग्जाम सर पर है इसलिए सोचा कि चलो बच्चो की कुछ हेल्प कर दे दो रास्ते में ही एक बच्चे ने मुझे कहा केसर आप हमेशा मेरे साथ मजाक में कहते हैं कि आपका कान के अंदर जो सोने की बाली जो है वह मैं चाहता हूं और इसलिए मैं आपका काम जो है वो काट लूंगा और बहुत बाद में उसको इसी प्रकार से मजाक में कहता था कि आप अपना मुझे अपना काम जो है मुझे आप दे दो बस 1 दिन बस उसी दिन जब मैं स्कूल की ओर जा रहा था तब वह बस बच्चा मुझे रास्ते में कहता है कि सर आप मेरा काम ले लो लेकिन आप अपना दिल जो है वह मुझे देखो तो उस समय मुझे ऐसा लगा कि पर यह जो लम्हा जो है जीवन का कह सकते हैं कि ऐसा लम्हा के कभी भी शायद वापस आए या ना आए वह मैं नहीं चाहता लेकिन ऐसा लम्हा मेरे जीवन में कोई बच्चा जो है वह किस प्रकार की बात करता है और अब मैं उस दिन काफी हो गया था और मुझे लगा कि चलो जैसा भी हूं क्योंकि वर्क करता हूं ऐसा टीचर कुछ भी हो लेकिन कभी खुश था|
अपने जीवन का प्रसंग हना चाहता हूं,रविवार थातो मैं स्कूल गया था थोड़ी देर बच्चों के साथ बास्केटबॉल का मजा लेने के बाद मैंने सोचा कि चलो कुछ काम तो है नहीं तो एग्जाम सर पर है इसलिए सोचा कि चलो बच्चो की कुछ हेल्प कर दे दो रास्ते में ही एक बच्चे ने मुझे कहा केसर आप हमेशा मेरे साथ मजाक में कहते हैं कि आपका कान के अंदर जो सोने की बाली जो है वह मैं चाहता हूं और इसलिए मैं आपका काम जो है वो काट लूंगा और बहुत बाद में उसको इसी प्रकार से मजाक में कहता था कि आप अपना मुझे अपना काम जो है मुझे आप दे दो बस 1 दिन बस उसी दिन जब मैं स्कूल की ओर जा रहा था तब वह बस बच्चा मुझे रास्ते में कहता है कि सर आप मेरा काम ले लो लेकिन आप अपना दिल जो है वह मुझे देखो तो उस समय मुझे ऐसा लगा कि पर यह जो लम्हा जो है जीवन का कह सकते हैं कि ऐसा लम्हा के कभी भी शायद वापस आए या ना आए वह मैं नहीं चाहता लेकिन ऐसा लम्हा मेरे जीवन में कोई बच्चा जो है वह किस प्रकार की बात करता है और अब मैं उस दिन काफी हो गया था और मुझे लगा कि चलो जैसा भी हूं क्योंकि वर्क करता हूं ऐसा टीचर कुछ भी हो लेकिन कभी खुश था|
छोटी छोटी चित्राये य़ादे ,बिछी हुई है लमहोकी लोन पर
नंगे पैर उनपर चलते चलते, इतनी दूर चले आये हैं की अब भुल गये है झूते कहा ऊतारे थे |
अेडी कोमल थी जब आये थे, थोडी-सी नाजूक है अभी भी ओर नाजूक ही रहेगी,
इन खट्टी-मीठी यादो की शरारत जब तक इन्है गुदगुदाते रहै,
सच भुल गये है झूते काहा ऊतारे थे,
पर लगता है, उनकी जारुरत नही |
~फिल्म :उडान
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